सुहाना सफर और यह मौसम हसीन
सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसीं (२) हमें डर है हम खो न जाएं कहीं सुहाना सफ़र ... (ये कौन हँसता है फूलों में छूप कर बहार बेचैन है किसकी धुन पर ) - (२) कहीं गुमगुम, कहीं रुमझुम, के जैसे नाचे ज़मीं सुहाना सफ़र ... (ये गोरी नदियों का चलना उछलकर के जैसे अल्हड़ चले पी से मिलकर ) - (२) प्यारे प्यारे ये नज़ारे निखरे हैं हर कहीं सुहाना सफ़र ... हो हो हो ... (वो आसमाँ झुक रहा है ज़मीं पर ये मिलन हमने देखा यहीं पर ) - (२) मेरी दुनिया, मेरे सपने, मिलेंगे शायद यहीं सुहाना सफ़र ...