रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के काँटों पे चलके मिलेंगे साएँ बहार के रुक जाना नहीं तू कहीं हार के काँटों पे चलके मिलेंगे साएँ बहार के ओ, राही, ओ, राही ओ, राही, ओ, राही सूरज, देख, रुक गया है तेरे आगे झुक गया है सूरज, देख, रुक गया है तेरे आगे झुक गया है जब कभी ऐसे कोई मस्ताना निकले हैं अपनी धुन में दीवाना शाम सुहानी बन जाते हैं दिन इंतज़ार के ओ, राही, ओ, राही ओ, राही, ओ, राही रुक जाना नहीं तू कहीं हार के काँटों पे चलके मिलेंगे साएँ बहार के ओ, राही, ओ, राही ओ, राही, ओ, राही साथी ना कारवाँ है ये तेरा इम्तिहाँ है साथी ना कारवाँ है ये तेरा इम्तिहाँ है यूँ ही चला चल दिल के सहारे करती हैं मंज़िल तुझको इशारे देख, कहीं कोई रोक नहीं ले तुझको पुकार के ओ, राही, ओ, राही ओ, राही, ओ, राही रुक जाना नहीं तू कहीं हार के काँटों पे चल के मिलेंगे साएँ बहार के ओ, राही, ओ, राही ओ, राही, ओ, राही नैन आँसू जो लिए हैं ये राहों के दीए हैं नैन आँसू जो लिए हैं ये राहों के दीए हैं लोगों को उनका सब कुछ दे के तू तो चला था सपने ही ले के कोई नहीं तो तेरे अपने हैं सपने ये प्यार के ओ, राही, ओ, राही ओ, राही, ओ, राही