मैने तेरे लिए ही सात रंग के सपने बुने 

मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चूने सपने, सुरीले सपने कुछ हँसते, कुछ गम के तेरी आँखों के साए चुराए रसीली यादों ने छोटी बाते, छोटी, छोटी बातों की हैं यादे बड़ी भूले नहीं, बीती हुयी एक छोटी घड़ी जनम जनम से आँखे बिछाई तेरे लिए इन राहों ने भोले भाले, भोले भाले दिल को बहलाते रहे तनहाई में तेरे ख्यालों को सजाते रहे कभी कभी तो आवाज देकर मुझको जगाया ख़्वाबों ने