नैना वरसे रिम झिम रिम झिम 

नैना बरसे, रिमझिम रिमझिम पिया तोरे आवन की आस वो दिन मेरी निगाहों में वो यादें मेरी आहों में ये दिल अब तक भटकता है तेरी उल्फत की राहों में सूनी सूनी राहें, सहमी सहमी बाहें आँखों में है बरसों की प्यास नैना बरसे रिमझिम... नज़र तुझ बिन मचलती है मोहब्बत हाथ मलती है चला आ मेरे परवाने वफ़ा की शम्मा जलती है ओ मेरे हमराही, फिरती हूँ घबरायी जहाँ भी है आ जा मेरे पास नैना बरसे रिमझिम... अधूरा हूँ मैं अफसाना जो याद आऊँ चले आना मेरा जो हाल है तुझ बिन वो आकर देखते जाना भीगी भीगी पलकें, छम-छम आँसू छलकें खोयी खोयी आँखें हैं उदास नैना बरसे रिमझिम... ये लाखों गम ये तन्हाई मोहब्बत की ये रुसवाई कटी ऐसी कई रातें ना तुम आए ना मौत आई ये बिंदिया का तारा, जैसे हो अंगारा मेहंदी मेरे हाथों की उदास नैना बरसे रिमझिम...