कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना 

कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना

कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना 

कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में आ जाना 

कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना 

कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में आ जाना 

मगर आना इस तरह तुम 

के यहाँ से फिर न जाना 

कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना 

कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में आ जाना 

तू नहीं है मगर फिर भी तू साथ है 

बात हो कोई भी तेरी ही बात है 

तू ही मेरे अंदर है तू ही मेरे बहार है 

जब से तुझको जाना है 

मैंने अपना माना  है 

मगर आना इस तरह तुम 

के यहाँ से फिर न जाना 

कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना 

कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में आ जाना 

कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना 

कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में आ जाना 

रात दिन की मेरी दिलकशी तुमसे है 

ज़िन्दगी की कसम ज़िन्दगी तुमसे है 

तुम ही मेरी आँखें हो सूनी तन्हा राहों में 

चाहे जितनी दूरी हो तुम हो मेरी बाँहों में 

मगर आना इस तरह तुम 

के यहाँ से फिर न जाना 

कभी शाम ढले आह 

कभी चाँद खिले आह 

कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना 

कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में आ जाना